प्रेग्नन्सी, औरत से मां बनने का एक पड़ाव है जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। हालांकि यह 9 महीनों का समय हर महिला के लिए काफी कष्टदायी होता है लेकिन इसके बाद मिलने वाली खुशी के लिए वो अपनी किस्मत का शुक्रियादा करता है।
हालांकि कुछ महिलाएंCesarean sectionके बजायnormal deliveryचाहती है लेकिन उनका कमजोर शरीर व प्रेग्नन्सी के साथ जुडे काम्प्लकेशन ऐसा होने नहीं देते।
अभी तक ऐसा कोई तरीका नहीं खोजा गया है जिससे ये पता चल सके कि बच्चा सीजेरियन से होगा या नोर्मल डिलिवरी से।यदि आप भी नोर्मल डिलिवरी की इच्छा रखती हैं तो हमें उम्मीद है कि नीचे दिए गए सुझाव आपके काम आएंगे।
1.तनाव से दूर रहें तनाव केवल आपकी परेशानी ही नहीं बढ़ाता बल्किpregnancy complicationsको भी बढ़ाता है। इसका सबसे अधिक प्रभाव आपके व आपके बच्चे की सेहत पर पडेगा। यदि आपको बेवजह तनाव महसूस हो रहा है तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें और इस व्यवहार के पीछे छुपे वास्तविक कारण को जानने की कोशिश करें।
2.नियमित रूप से व्यायाम करें हालांकि प्रेग्नन्सी में महिलाओं को आराम करने के लिए कहा जाता है लेकिन थोडी सी कसरत से आपको लाभ होगा। व्यायाम से आप चुस्त रहेंगी तथा आप में पीडा को बर्दाश करने की क्षमता बढेगी। कसरत करने से जांघ की मांसपेशिया मजबूत होंगी जोकि प्रसव के दौरान पीड़ा से लड़ने में आपकी मदद करेंगी। हलकीpregnancy exercisesआपके स्वस्थ में सुधार ला सकती हैं लेकिन इन्हें करते वक्त आपके आसपास व्यायाम विशेषज्ञ मौजूद होना चाहिए क्योंकि गलत तरीके से करने से आपके व आपके बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती है।
3.अपने खान-पान पर ध्यान दें गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कमज़ोरी होना लाज़मी है तथा इस कमज़ोरी को घटाने के लिए डॉक्टर गोलियां भी देते हैं। परंतु जो ताकत हमें आहार से मिलती है वो गोलियों से नहीं मिल सकती। यदि आप नोर्मल डिलिवरी चाहती है तो सही समय पर खाएं और सही आहार खाएं। अपने आहार में हरी सब्जियां, अंड़ा, दूध व फलों को शामिल करें। इनमें मौजूद जरूरी विटामिन व प्रोटीन आपके शरीर को पोषित करेंगे। साथ ही जरूरी मात्रा में पानी भी पिएं।
4.पानी पानी केवल आपको हाइड्रेटेड ही नहीं रखता बल्कि नोर्मल डिलिवरी पाने में आपकी सहायता भी करता है। गर्भवस्था के दौरान जितना हो सके उतना पानी पिएं। नहाने के लिए गर्म पानी लें। गर्म पानी आपको लेबर पेन से लड़ने की शक्ति देता है तथा नोर्मल डिलिवरी पाने की इच्छा को पूरा कर सकता है।
5.प्राणायाम करें बच्चे के विकास के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन बहुत जरूरी है। स्वस्थ व सेहतमंत बच्चा पाने के लिए गर्भावस्था के दौरान प्राणायाम करें। प्राणायाम से आपका तनाव कम होगी एवं आपको हलकापन महसूस होगा। अतः गर्भावस्था के दौरान शारीरिक कसरत के साथ मानसिक कसरत करना भी बहुत जरूरी है।
6.डिलिवरी से जुडी डरावनी कहानियों को ना सुनें हालांकि कई लोगों के पास सुनाने के लिए कई किस्से होते हैं लेकिन उन्हें ना सुनने की जिम्मेदारी आप पर है। डरावनी कहानियों को सुनने से आपके मन में डर बैठ जाएगा और आपका विचलित मनnagative thoughtsकी राह पर निकल पडेगा।
7.अपने दोस्तों व रिश्तेदारों से बातें करें गर्भवस्था के दौरान गुमसुम ना बैठे रहें बल्कि आपने दोस्तों, रिश्तेदारों तथा अपने पड़ोसियों से भी बातें करें। यदि आपके दिल में कोई बात है तो उसे बताएं। बात को अंदर दबाने से केवल गुस्सा बढता है जिसके कारण तनाव बढता है। जरूरी नहीं है कि बात केवल गर्भावस्था से जुडी हुई हो बल्कि किसी और विषय से जुडी हुई बात को बताने से आपको सुकून मिलेगा।
8.शराब व चाय का सेवन ना करें चाय हमारे खून में मौजूद आइरन को अवशोषित कर लेती है। आइरन की कमी आपको शारीरिक रूप से कमज़ोरी बना सकती है तथा इसका असर आपके बच्चे के विकास व उसके वजन पर भी पडेगा। कभी-कभी शराब व चाय गर्भपात का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान ऐसी चीज़ों से परहेज़ करें। बेहतर होगी कि आप घर का बना खाना खाएं।
9.परेंटल क्लास क्योंकि आज हम मूल परिवारों में रहते हैं ऐसा हो सकता है कि आपके आसपास गर्भावस्था से जुडी कुछ जरूरी बातों को बताने वाला मौजूद ना हो। इन क्लासों में गर्भावस्था व गर्भावस्था के बाद के महीनों से जु़डी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई जाती हैं। बच्चे व मां से जुडी बातों की समझ रखने वाला विशेषज्ञ ही इन क्लासों को चलाता है ताकि आप अपनी कोई भी समस्या इन्हें खुल के बता सकें। इसके अलावा, वे नोर्मल डिलिवरी पाने के लिए जरूरी कसरत भी सिखाते हैं।