Adult education – प्रौढ़ शिक्षा क्या है
प्रौढ़ शिक्षा (Adult education) योजना भारत सरकार द्वारा भी काफी प्रोत्साहित की गयी है (Adult education in India) परन्तु अभी भी अंग्रेजी राज की तुलना में भारत में प्रौढ़ शिक्षा का प्रचार कम है। भारत में सबसे सराहनीय कदम की शुरुआत नेशनल फंडामेंटल सेंटर (NFEC) ने प्रौढ़ शिक्षा की कल्पना के रूप में की जिसे भारत सरकार ने 1956 में शुरू किया।
यदि आप किसी किशोर बच्चे के माता पिता हैं तो आप अत्यंत चिंतित होंगे क्योंकि किशोर बहुत ही अप्रत्याशित तरीके से व्यवहार करते हैं और यह बात और अधिक बढ़ जाती हैं जब माता पिता थोड़े अधिक सतर्क होते हैं, सही हैं न?
भले ही ऐसा कहा जाता है कि स्कूलों में बच्चों को यौन शिक्षा दी जाती है परन्तु फिर भी माता पिता होने के नाते यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि बच्चा इस अवधारणा को अच्छे से समझे। अत: यहाँ कुछ सलाह दी जा रही हैं ताकि आप अपने बच्चे को प्रभावी रूप से सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) दे सकें।
सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) है. हम सभी यह स्वीकार करते हैं कि किशोरों को बहुत जल्दी सारा रहस्य पता चल जाता है और वे प्रयोग करना चाहते हैं, अत: इनमें से बहुत से बच्चे बहुत जल्दी यौन रूप से सक्रिय हो जाते हैं।
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अत: पालक होने के नाते यह ज़रूरी है कि हम अपने बच्चे को सही दिशा में जानकारी दें और उन्हें सुरक्षा संबंधी जानकारियाँ दें ताकि वे स्वस्थ रह सकें और अपना जीवन बिना किसी बाधा के जी सकें। आजकल किशोरों में गर्भावस्था और यौन संचारित रोगों की समस्या बहुत अधिक बढ़ रही है।
Adult education in India – प्रौढ़ शिक्षा क्या है
अंग्रेजी राज की उपेक्षा दृष्टि के फलस्वरूप भारत में शिक्षा का प्रचार बहुत कम है | जो कुछ पढ़े लिखे व्यक्ति है वे भी प्राय: शहरों के रहने वाले है | देहातो में तीन प्रतिशत भी किसान शिक्षित नही | इन लोगो को शिक्षा दिए बिना भारत कभी भी सभ्य देश नही बन सकता क्योंकि यह कृषि प्रधान देश है और कृषि का सारा भार किसानो के ही हाथ में है | साथ ही अब भारत में प्रजातंत्र का विकास हो चूका है और प्रजातंत्र में जनता को शिक्षित होना अत्यावशक है |
अशिक्षित किसान न तो समय की प्रगति का उचित परिश्रम पा सकता है और न ही नागरिकता के अधिकारों एवं कर्तव्यो को जाना जा सकता है | इसलिए एक स्वस्थ्य प्रजातंत्र की स्थापना करने के लिए भारतीय सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा की एक योजना बनाई है | इस योजना का कार्य-क्षेत्र नगर और गाँव दोनों ही है किन्तु गाँवों में अशिक्षा होने से गाँवों में ही प्रौढ़ शिक्षा पर अधिक बल दिया जा रहा है |
भारत में सबसे सराहनीय कदम की शुरुआत नेशनल फंडामेंटल सेंटर (NFEC) ने प्रौढ़ शिक्षा की कल्पना के रूप में की जिसे भारत सरकार ने 1956 में शुरू किया। बाद में इसका नाम बदलकर प्रौढ़ शिक्षा विभाग कर दिया गया जो की राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान का हिस्सा बन गया। प्रौढ़ शिक्षा योजना भारत सरकार द्वारा भी काफी प्रोत्साहित की गयी और कई लोग इस योजना का फायदा उठाने आगे आये। नतीजन इस योजना के अन्तर्गत अपना नाम दर्ज करवाने वाले लोगों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गयी।
बढ़ते लोगों की संख्या के कारण ही प्रौढ़ शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद से अलग कर एक नई संस्था में तब्दील कर दिया गया। जैसा की नाम से ही पता चलता है की प्रौढ़ शिक्षा का मुख्य उद्देश्य उन लोगों तक शिक्षा को पहुँचाना है जो अपने बचपन में पढ़ाई पूरी नहीं कर पाये। सरकार ने ऐसे लोगों के लिए नए विद्यालयों की स्थापना की है ताकि उनको बुनियादी शिक्षा या पेशेवर शिक्षा दे पाये।
तो साफ शब्दों में कहा जाये तो यहाँ लोगों को न सिर्फ शिक्षा दी जा रही है बल्कि अपने लिए रोजगार ढूंढने में भी सहायता की जा रही है। दिन में अपने रोज़गार में व्यस्त रहने वाले व्यक्तियों के लिए रात्रि कक्षा का प्रबंध किया गया है और बहुत से लोगों को इसका फायदा भी मिला है। शिक्षा से कई लोग अच्छे स्तर पर नौकरी हासिल करने में सफल रहे है और आज समाज में सम्मानजनक जीवन जी रहे है।
Adult education – प्रौढ़ शिक्षा क्या है
- जब आप अपने बच्चे से सेक्स विषय संबंधी बातें कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप इस प्रकार बात करें कि आपके बच्चे को शर्मिंदगी महसूस न हो। आदर्श रूप से इसे प्राइवेट में करें।
- जब आप अपने बच्चे से सेक्स से संबंधित बातें करते हैं तो सीधे बात करें क्योंकि यदि आप बातों को घुमा फिराकर कहेंगी तो आप जो बात कहना चाहते हैं वह नहीं कह पायेंगे।
- उपदेश न दें। खुले दिमाग से सोचें और अनुमान न लगायें। बच्चों से बात करते समय केवल अपने बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ख्याल अपने दिमाग में रखें।
- उनसे सेक्स संबंधी बातें करना बहुत महत्वपूर्ण है और उन्हें किशोरावस्था में ही सेक्स संबंधी सुरक्षा की जानकारी दें ताकि वे जागरूक रहें और किसी दुर्घटना का शिकार न हों।
- ध्यान रहे कि आप अपने बच्चे को असुरक्षित सेक्स करने के दुष्परिणामों के बारे में बतायें। उन्हें शांत तरीके से गर्भ निरोध के विभिन्न तरीकों के बारे में बतायें।
- यदि आप अपने किशोर बच्चे से सेक्स शिक्षा संबंधी बातें करने में असुविधा महसूस कर रहे हैं तो उन्हें प्रोफेशनल काउंसलर के पास ले जाएँ जो आपकी मदद कर सकते हैं।
इस विषय पर अपने बच्चे को उसके विचार और प्रश्न पूछने की अनुमति दें और इसे केवल एकतरफ़ा संवाद न बनायें!