पटना की ऐतिहासिक इमारत “गोल घर” – Patna Ka Golghar
Patna Ka Golghar – इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम (Golghar) ”गोल घर ” (Golghar of Patna) बिहार के पटना के पश्चिमी किनारे पर गांधी मैदान के पास स्थित है। गोलघर के ऊपर से पटना शहर और गंगा के विहंगम दृश्य को देखने का अनूठा अनुभव लिया जा सकता हैकिसी समय में गोलघर पटना की सबसे ऊँची इमारत थी। अंग्रेजों के शासनकाल में बनी इस ऐतिहासिक इमारत की संरचना अद्भुत और आर्कषक है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
यह पटना के मुख्य आर्कषणों में से एक है, वहीं कई लोग पटना को इस प्रसिद्ध इमारत ”गोल घर” की वजह से ही जानते हैं। गोलघर के ऊपर से पटना शहर और गंगा के विहंगम दृश्य को देखने का अनूठा अनुभव लिया जा सकता हैकिसी समय में गोलघर पटना की सबसे ऊँची इमारत थी।
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गोलघर का इतिहास – Golghar History
‘गोल घर’ जिसके नाम का शाब्दिक अर्थ है गोलाकर आकृति वाला घर। आपको बता दें कि यह ऐतिहासिक इमारत अपने आकार के कारण बेहद मशहूर है। इस इमारत की खास बात यह है कि इसका निर्माण इस तरह किया गया है कि इसमें कोई भी खंभा नहीं है और चारों ओर से गोलाकार मोटी दीवारों से बना है ! इसीलिए इसका नाम गोलघर पड़ा है !
Patna Ka Golghar के चारों तरफ घुमावदार सीढ़ियां बनी है जो सैलानियों को नीचे से ऊपर तक ले जाने में मदद करता है ! आज के समय यह इमारत एक पर्यटन साइट के तौर पर मशहूर है लेकिन आप इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो पता चलेगा कि यह इमारत का इस्तेमाल अनाज के भंडारण के लिए होता था !
”गोल घर” का निर्माण किसने, कब और क्यों किया?
1770 भयंकर अकाल आया था, जिस में अनाजों की भारी कमी हो गई थी उसको देखते हुए ! तत्कालीन गवर्नर जनरल, वॉरेन हेस्टिंग्स ने ब्रिटिश सेना के लिए अनाज भंडार करने के लिए इस भवन के निर्माण का आदेश दिया था !
ब्रिटिश इंजिनियर कैप्टन जान गार्स्टिन ने 30 महीनों के अथक प्रयासों से इस इमारत का निर्माण 1786 करवाया था ! यह इमारत 140000 टन अनाज भंडारण करने में सक्षम हुआ करता था !
इसके बारे में यह भी माना जाता था कि किसी इंजीनियरिंग खामीं की वजह से इस ऐतिहासिक इमारत के गेट अंदर की तरफ खुलते हैं, वहीं अगर इसको पूरी तरह भर दिया जाए, तो इसके गेट नहीं खुलेंगे।
गोलघर की संरचना – Golghar Architecture
वहीं अगर पटना के गोलघर की इमारत की संरचना की बात करें तो, इसके चारों तरफ घुमावदार 145 सीढ़िया बनी हुई है, जिसके सहारे यहां आने वाले पर्यटक नीचे से इसके ऊपरी सिरे तक जा सकते हैं, यहां से पटना शहर के एक बड़ा हिस्से का नजारा दिखता है साथ ही यहां से गांधी मैदान गंगा नदी और आसपास के मनोहारी दृश्यों का अनूठा अनुभव लिया जा सकता है।
यह पटना शहर की सबसे आकर्षण और मनमोहक ऐतिहासिक इमारतों में से एक है, शांतिपूर्ण वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता की वजह से गोलघर पटना शहर के मनोरम स्थानों में से एक है।
इस इमारत की ऊंचाई 29 मीटर (96 फीट) हैं, जबकि इसका आकार 125 मीटर है, वहीं गोलघर दीवारें आधार में 3.6 मीटर चौड़ी हैं। इसके साथ ही गोलघर के शिखर पर करीब 3 मीटर तक ईंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि इसकी बजाय पत्थरों का उपयोग किया गया है।
आपको यह भी बता दें कि गोलघर से सबसे ऊपर शीर्ष पर करीब 7 इंच व्यास का एक छेद अनाज डालने के लिए किया गया था, हालांकि बाद में इस छेद को बंद कर दिया गया था। वहीं प्राचीन समय में गोलघर पटना की सबसे ऊंची इमारतों में से एक थी।
इतिहास में अनाज भंडारण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला “गोल घर” आज पटना में एक टूरिस्ट प्लेस और पिकनिक स्पॉट के तौर पर मशहूर है, वहीं दिसंबर साल 2017 में इस इमारत को एक नया रुप दिया गया था।
इसके साथ ही यहां पर्यटकों को गोल घर की तरफ और ज्यादा आकर्षित करने के लिए यहां लाइट एंड साउंड शो भी दिखाया जाता है, जिससे पिछले कुछ समय में यहां आने वाली पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
How To Reach Golghar – गोलघर कैसे पहुँचे
गोलघर गांधी मैदान के पास स्थित है, और आप इस गंतव्य तक पहुंचने के लिए दुजरा मुख्य सड़क से एक ऑटो रिक्शा ले सकते हैं। आप यहां तक पहुंचने के लिए बस या किराए पर टैक्सी ले सकते हैं।
गोलघर पटना टाइमिंग, टिकट की कीमत – Golghar Patna Timings, Ticket Price
- Opening Time : 10:00 AM
- Closing Time : 05:00 PM
- Closed ON : Monday
- Closed on public holidays : No
- Entery fee : Free
- Visiting hours : 30 minutes to 1 hour
गोलघर में लाइट शो – Patna Golghar Laser Show
गोलघर के पास आकर्षण – Attractions near Golghar
- Lalbagh
- Agam kuan
- Krishna Chai Shop
- Phulwari Sharif
- Har mandir Takht