Interesting Facts About Medicine – दवा के बारे में रोचक तथ्य
Interesting Facts About Medicine – क्या आप जानते हैं कुछ दवाओं बीच में लाइन क्यों होती है ? आज के समय में अनियमित खानापान, अनियमित सोने के कारण हमें कई बीमारियों से हो कर गुजरना पड़ता है। जिसके कारण हर किसी को कभी न कभी दवाओं की जरुरत पड़ती हैं, वैसे तो प्रत्येक दवाइयां अलग अलग होती हैं अलग रंग, आकार और प्रत्येक दवाई का अपना असर होता है लेकिन आपने देखा होगा कि दवाईयों की कुछ टेबलेट्स पर बीच में एक सीधी लाइन बनी होती है जबकि कुछ टेबलेट्स पर वो लाइन नहीं होती।
आपने कभी यह सोचा है कि आखिर दवाओं पर ये सीधी लाइन क्यों बनी होती है? इसका कारण है। तो आज हम आपको इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं कि आखिर दवा की कुछ टेबलेट पर सीधी लाइन क्यों होती है?
क्या आप जानते हैं कुछ दवाओं बीच में लाइन क्यों होती है
- दरअसल, दवाओं पर दी हुई इस सीधी लाइन को Debossed Line कहा जाता है। जो लाइन आमतौर पर हाई पॉवर की दवाओं पर देखने को मिलती है, ताकि इसे बीच में से तोड़ कर पूरी टेबलेट की आधी खुराक ली जा सके।
- एक खास बात यह भी है कि सभी दवाइयाँ ऐसे बीच में से तोड़ कर हाफ डोज़ में नहीं ले सकते। केवल वही दवाइयाँ बीच में तोड़ कर ले सकते हैं जिन पर Debossed Line हो और जिन दवाओं पर ये लाइन ना हो उन्हें आधा तोड़ कर नहीं खाना चाहिए।
- विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) एक अंतर्राष्ट्रीय संवैधानिक संस्था हैं, जो पूरे विश्व में दवाईयों से जुड़े हर तथ्य पर निगरानी तथा नियंत्रण रखती हैं। एक उचित, सुरक्षित और प्रभावी दवा का उच्च स्तर पर निर्माण, पैकेजिंग, गाइडलाइंस, मार्केटिंग सभी प्रक्रिया WHO के हस्तक्षेप द्वारा पूरी होती हैं।
- WHO के एक ऑनलाइन डाटा से हाल ही में पता चला हैं, कि भारत डॉक्टरों की संख्या में 133 विकासशील देशों में 66वें स्थान पर हैं और नर्सों की संख्या में भारत को 75वां स्थान प्राप्त हुआ हैं।
Interesting Facts About Medicine
- आजकल दवाइयों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल पेरासिटामोल घटक का होता हैं। क्योंकि ज्यादातर दवाइयां दर्दनिवारक तथा बुखारनाशक होती हैं, और पेरासिटामोल में यह गुण है। इसके अतिरिक्त पेरासिटामोल रसायन आसानी से उपलब्ध भी हो जाता हैं।
- प्रकृति में अनियंत्रित प्रदूषण की वजह से बहुत-सी हानिकारक बीमारियों का निर्माण होता हैं, जो मानव जाति के लिए असंवेदनशील होती हैं।
- पहले जमाने में ग्रीस और रोम के चिकित्सक मकड़ी के जाले को घाव पर लगाते थे। क्योकि मकड़ी के जाल में विटामिन K होता है व एंटीसेप्टिक और एंटिफंगल गुण होते है, जिससे जल्दी आराम मिलता है और खून कम बहता है।
- इनका उपचार रासायनिक घटकों के अनुपात से निर्मित की गई दवाइयों द्वारा ही संभव होता हैं। बिना दवाईयों के मानव शरीर बीमारियों से लड़ने में पूरी तरह लाचार दिखाई देता हैं और अब बिना दवाईयों के मानव जीवन का कोई अस्तित्व नहीं रह सकता।
- क्योंकि जितनी ताकतवर हम दवाएं बनाते है, किटाणु और जीवाणु भी साथ-साथ में विकास करते है। इसलिए तरह-तरह की नयी बीमारियाँ सामने आ रही है।
दवा के बारे में रोचक तथ्य
- Worlds Top Exports की रिपोर्ट अनुसार, जर्मनी 14.5%, स्विट्जरलैंड 12.2%, नीदरलैंड 7.9% दवाओं के सबसे बड़े निर्यातक देश है। 3.8% के साथ भारत 11वां सबसे बड़ा दवा निर्यातक देश है। भारत में सबसे ज्यादा दवाइयाँ गुजरात राज्य में उत्पाद होती है।
- भारत जैसे कृषि प्रदान देश में खेती को उत्तम श्रेणी में स्थान दिया जाता हैं। खेती संबंधित दवाएं प्रकृति और जीवों से परस्पर एकता का संबंध बनाएं रखती हैं। एग्रीकल्चर विज्ञान खेती में ज्यादा पैदावार और कम लागत के लिए विभिन्न दवाइयों के शोध में लगा पड़ा हैं, जो सस्ती और ज्यादा कारगर हो।
- विश्व की सबसे पुराणिक और प्रचलित आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली भारत की देन हैं। यह विभिन्न तरह की वनस्पतियों के ऊपर आधारित हैं, जिनकी जानकारी आयुर्वेद की पुस्तकों में लिखित हैं। मान्यताओं के अनुसार, आयुर्वेद देवकाल से प्रचलित हैं। भारत के साथ-साथ आज विश्व के बहुत सारे देशों ने भी इस चिकित्सा प्रणाली को अपना लिया हैं।
- आयुर्वेदिक चिकत्सा में पेड़-पोधों का उपयोग कर औषधि बनाई जाती है। जो बेहद कारगर होती है और ना बराबर दुष्प्रभाव देती है।
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