हौज खास किला – Hauz Khas Fort Delhi
हौज- खास किला – Hauz Khas Fort भी भारत की ऐतिहासिक स्मारकों और धरोहरों में से एक है, जो कि भारत की राजधानी दिल्ली के हौज खास में स्थित है। इसका निर्माण साउथ दिल्ली में एक शांत वातावरण में किया गया है, वहीं यह अपने कॉलेज के दोस्तों और परिवारों के साथ सैर करने के लिए वक्त बिताने के लिए सही जगह है। यह किला सुंदर झील और हरियाली से घिरा हुआ है, जिसकी खूबसूरती देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
इस किले की खूबसूरती आज भी आगुंतकों को अपनी तरफ से खींचती है। आपको बता दें कि इस जगह में एक हिरण पार्क भी है। यह किला भारतीय इतिहास की अद्भुत कलाकारी और अनूठी संरचना का खूबसूरत उदाहरण है। हौज खास किले में पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए साउंड और लाइट शो भी शुरु किया गया है, जिसे देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। वहीं हाल ही में इस ऐतिहासिक धरोहर की सुध दिल्ली विकास प्राधिकरण ने ली थी। यह एक मनोरम और आर्कषक टूरिस्ट प्लेस है।
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Hauz Khas Fort History – हौज खास किले का इतिहास
दिल्ली के वास्तुकला इतिहास में सबसे खूबसूरत संरचनाओं में से एक, हौज खास किला परिसर सुंदर परिदृश्य और शांत वातावरण के बीच स्थित है। झील की शानदार सुंदरता और विशाल हरियाली से घिरा यह किला, युवाओं के बीच स्थायी मुलाकात की एक लोकप्रिय जगह है। इस जगह में एक हिरण पार्क भी है जो पर्यटन का महत्वपूर्ण आकर्षण है। यह हौज खास में स्थित है, ग्रीन पार्क दक्षिण दिल्ली के नजदीक है।
13 वीं शताब्दी में निर्मित, यह दिल्ली के सबसे पुराने भवनों में से एक है। यह स्थानीय लोगों के लिए पसंदीदा पिकनिक स्थल, पक्षी-प्रेमियों का आनन्द स्थल एवं आकर्षक गतिविधियों का केन्द्र है। ऐतिहासिक महत्व वाली दर्शनीय इमारतों में, हौज खास किला परिसर के निर्माण की शुरूआत अलाउद्दीन खिलजी द्वारा जलाशय या रॉयल टैंक के साथ की गई थी (जो अब हौज खास झील के रूप में जाना जाता है)।
अलाउद्दीन खिलजी ने किले के निवासियों को पानी की सतत आपूर्ति प्रदान करने के लिए जलाशय को बनवाया। इसका मूलतः नाम हौज-ए-अलाई था। हौज शब्द एक उर्दू शब्द से प्राप्त हुआ है, जिसका अर्थ है तालाब। बाद में, कई सम्राटों द्वारा जलाशय या झील के आस-पास मस्जिद, मदरसा, मंडप और मजार जैसे अनेक स्मारकों का निर्माण करवाया गया।
फिरोज शाह तुगलक का मकबरा परिसर के भीतर प्रमुख संरचनाओं में से एक है। कब्र जो दिखने में बहुत ही शानदार है, सम्राट द्वारा खुद के लिए बनवाई गई थी। यह कुरान शिलालेखों के साथ सुशोभित है। उपेक्षित होने के कारण कब्र अब जीर्ण दिखाई देती है। इसके किनारे जो इमारतें, हॉल सहित जो कक्ष दिखाई देते हैं इनका निर्माण सिकंदर लोधी द्वारा करवाया गया था। इन्हें बाद में मदरसे में परिवर्तित कर दिया गया, जो धार्मिक प्रशिक्षण के लिए एक कॉलेज था। यहाँ पर आप कई स्मारकों को भी देख सकते हैं।
वर्तमान में, यह किला आगंतुकों को जो भी कुछ प्रदान करता है, वह अनुपम है। खेल के लिए इसका विशाल घास का मैदान एक आदर्श जगह है। लोगों के अवशेष को तलाशने और अन्य रहस्यमय मार्ग की उपस्थित के कारण यह स्थान एक निडर फोटोग्राफर के लिए स्वर्ग की तरह है। जगह की भव्यता विशेषकर चित्रण योग्य है। यह भारत-इस्लामी वास्तुकला के संयोजन के साथ दर्शकों को आकर्षित करता है। सूर्यास्त और सूर्योदय के समय मंत्रमुग्ध कर देने वाला परिवेश है। किला फूलों और जीवों के एक शानदार संयोजन को जोड़ता है जो वास्तव में आँखों के लिए आनंद देने वाला है।
3 places to visit in Hauz Khas Fort
Hauz Khas Village
हौज़ खास विलेज कॉम्प्लेक्स सोमवार से शनिवार तक सुबह 10:30 बजे से शाम 7:00 बजे के बीच खुला रहता है और रविवार को बंद रहता है। हालांकि, कॉम्प्लेक्स के भीतर स्थित रेस्तरां रोजाना सुबह 11 बजे तक खुले रहते हैं।
hauz khas deer park and district park
5:00 PM – 8:00 PM (during summer)
firoz shah tughlaq tomb
Best time to visit
किले में दिन के किसी भी समय, सूर्योदय से सूर्यास्त तक पहुंँचा जा सकता है। यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर, नवंबर, फरवरी और मार्च के महीने का है।