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    लाल किले का इतिहास – History of Red Fort

    September 11, 2019Updated:July 8, 2021
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    दिल्ली का लाल किला – Red Fort Of Delhi

    The Red Fort India – लाल किला (Lal Qila) कहाँ है (Where Is Red Fort) उसका निर्माण किसने किया (Who built Red Fort) लाल किले का इतिहास (Red Fort History In Hindi) सम्बंधित जानकारी (Red Fort Information) इस लेख में आपको हिंदी (Red Fort In Hindi) में मिलेगी.

    लाल किला (Lal Qila) – Red Fort In Hindi

    दिल्ली में घूमने के लिए कई जगह हैं उन्ही में से एक आकर्षण का केंद्र है (Lal Qila) लाल किला। भारत में मौजूद किलों में से लाल किला (The Red Fort India) सबसे ज्यादा मशहूर है। देश विदेश से लोग इस किले को देखने के लिए आते हैं। अगर आप भी दिल्ली के लाल किले को घूमने जाना चाहते हैं तो पहले इस लेख (Red Fort Information) को ध्यान से पढ़ें।

    लाल किला (Lal Qila) हमेशा से लाल नहीं था, बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि चूना पत्थर के बाद ब्रिटिश काल में इसे संरक्षित करने के लिए लाल रंग में रंग दिया और इस तरह किले को फिर से स्थापित किया (Red Fort Information) और इसे लाल किला नाम दिया। अंग्रेजों द्वारा लाल किले का नाम भी लाल रंग से पेंट किया गया था।

    लाल किला कहाँ स्थित है – Where Is Red Fort

    Where Is Red Fort लाल किला भारत में दिल्ली शहर (The Red Fort India) का एक ऐतिहासिक किला है, जो मुगल सम्राटों का मुख्य निवास हुआ करता था। यह किला यमुना नदी के पास ही बना हुआ है, और इसी वजह से लाल किले (Lal Qila) की दीवारे और भी मनमोहक नज़र आती है। ऐसा कहा जाता है की लाल किला नाम इसकी अभेद्य लाल बलुआ पत्थर की दीवारों से लिया गया है।

    Red Fort Location – नेताजी सुभाष मार्ग, लाल किला, चांदनी चौक, नई दिल्ली, दिल्ली 110006.

    लाल किला किसने बनवाया था – Who Built Red Fort

    लाल किले का निर्माण 1648 में पाँचवे मुगल साम्राज्य शाहजहाँ (Who built Red Fort) ने अपने महल के रूप में बनवाया था। लाल किले को आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी ने डिजाईन किया था, और उन्होंने ने ही ताज महल का भी निर्माण किया था।

    लाल किले (Lal Qila) का निर्माणकार्य 13 मई 1638 को शुरू हुआ था। और शाह जहाँ के नियंत्रण में इसका निर्माण कार्य 1648 में पूरा हुआ। दुसरे मुगल किलो की तरह ही इस किले की सीमा पर बनी दीवारे भी सलीमगढ़ किले की तरह असममित ढंग से बनी हुई है।

    लाल किला की बनावट – Red Fort Architecture

    लाल किला दिखने में बेहद आकर्षक लगता है। यह किला दिल्ली की शान है। लाल किले को अष्टकोणीय आकार में बनाया गया है। इस पूरे किले पर संगमरमर से सजावट की गई है। कोहिनूर हीरा कभी इस किले की सजावट (Red Fort Architecture) का हिस्सा हुआ करता था लेकिन भारत में कब्ज़ा करने के बाद इसे अंग्रेज ले गए। लाल किले के अंदर तीन द्वार हैं और यह किला दिल्ली (Red Fort Of Delhi) के सबसे बड़े किलों में से एक है।

    लाल किला के भीतर – Red Fort From Inside

    लाल किला मुगल, हिंदू और फारसी स्थापत्य शैली (Red Fort Architecture) से मिलकर बना हुआ है। इस बड़े किले के अंदर (Red Fort From Inside) परिसर के भीतर, मोती मस्जिद, नौबत खाना जैसी बड़ी इमारतें हैं जो पहले संगीत कक्ष हुआ करती थी। मुमताज़ और रंग महल, जो महिलाओं की जगह और एक संग्रहालय था, यहाँ पर मुग़ल काल की सभी कलाकृतियां उपस्थित है।

    लाल किले के महलों और इमारतो में कई (Red Fort From Inside) उद्यान, मंडप और सजावटी मेहराब हैं। लाल किला इतिहास (Red Fort History In Hindi) के सबसे अच्छी स्मारकों में से एक है जो दिल्ली में (Red Fort Of Delhi) स्थित है। जब आप इस किले की सैर पर जायेंगे तो आप इस किले के बारे (Red Fort Information) में बहुत कुछ जाने पाएंगे।

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    दिल्ली के लाल किले का इतिहास – Red Fort History

    लाल किला (Red Fort In Hindi) की वजह से दिल्ली को शाहजहानाबाद कहा जाता था। शाह जहाँ के शासन काल में लाल किला उनके शासनकाल की रचनात्मकता का प्रतिक था। शाह जहाँ के बाद उनके उत्तराधिकारी औरंगजेब ने कृत्रिम मोतियों से बनी मस्जिद का निर्माण करवाया था, साथ ही औरंगजेब ने प्रवेश द्वार में भी काफी बदलाव किये।

    मुगल साम्राज्यों द्वारा किये गये किलो के निर्माण का औरंगजेब ने काफी पतन किया। 1712 में जब जहंदर शाह ने लाल किले (Red Fort In Hindi) को हथिया लिया था (Red Fort History In Hindi) तब तक़रीबन 30 सालो तक लाल किला बिना शासक के था, लेकिन शासनकाल के लागु होने के एक साल पहले ही शाह जहाँ की हत्या हो गयी और उनकी जगह फर्रुख्सियर ने ले ली।

    1719 में लाल किले (Red Fort In Hindi) को रंगीला के नाम से प्रसिद्ध मुहम्मद शाह ने अपनी कलाकृतियों से सजाया। 1739 में पर्शियन शासक नादिर शाह ने मुगल सेना को परास्त किया लेकिन तीन महीने बाद ही वे वापिस लौट गए, जाने से पहले उन्होंने मुगल शहरो को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। इस तरह से मुगल शासको के आंतरिक रूप से कमजोर होने के कारण ही शाहजहानाबाद का नाम दिल्ली पड़ा और 1752 में उन्होंने मराठाओ के साथ दिल्ली की सुरक्षा का समझौता कर लिया।

    1758 में मराठाओ ने लाहौर पर विजय हासिल की और 1760 में मराठाओ ने राजस्व बढ़ाने के लिये दीवान-ए-खास की चाँदी की छत को हटा दिया, क्योकि अहमद शाह दुर्रानी की सेना को परास्त करने के लिये उन्हें भारी राजस्व की जरुरत थी।

    1761 में जब मराठा पानीपत की तीसरी लढाई में हार गए थे (Red Fort History In Hindi) तब अहमद शाह दुर्रानी ने दिल्ली पर छापा मारा। 10 साल बाद शाह आलम ने मराठाओ की सहायता से दिल्ली के तख़्त को हासिल कर लिया।

    1783 में सिख मिसल करोरिसिंघिया ने बघेल सिंह धालीवाल के साथ मिलकर दिल्ली और लाल किले को हासिल कर लिया। लेकिन बाद में सिख शाह आलम को शासक बनाने के लिये राज़ी हो गये और यह समझौता किया गया की मुगल दिल्ली में सिख गुरुओ के लिये सात गुरुद्वारों का निर्माण करेंगे।

    1803 में एंग्लो-मराठा युद्ध के दौरान दिल्ली के युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मराठा सेना को पराजित किया और लाल किले से मराठाओ के शासन को खत्म किया और ईस्ट इंडिया कंपनी ने लाल किले पर अपना नियंत्रण बनाया।

    युद्ध के बाद ब्रिटिश ने लाल किले (Lal Kila) को अपने अधीन ले लिया और उसे ही अपना निवास स्थान घोषित कर दिया। अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह द्वितीय ने आखिर 1857 की क्रांति के दौरान किले को हासिल कर ही लिया।

    लेकिन इतनी विशाल मुगल ताकत होने के बावजूद 1857 के समय मुगल ब्रिटिशो के खिलाफ लाल किले को नहीं बचा पाये। ब्रिटिशो के खिलाफ पराजित होने के बाद बहादुर शाह द्वितीय ने 17 सितम्बर को लाल किला छोड़ दिया। बाद में वे ब्रिटिशो के कैदी बने लेकिन 1858 में उन्हें जाँचा परखा गया और उसी साल 7 अक्टूबर को उन्हें रंगून भेजा गया।

    मुगल शासन के खत्म होते ही शासन को ब्रिटिशो ने अपने हाथों में ले लिया। मुगलों ने बनाये मार्बल के महल ही केवल ब्रिटिशो के अत्याचार से बचे रहे, इनको छोड़कर बाकी सभी मुगल सामग्री को ब्रिटिशो ने ध्वस्त कर दिया था और किलो की अमूल्य और कीमती धातुओ को क्षति पहोचाकर उन्हें लूट कर ले गये। देखा जाये तो किलो के 2/3 आंतरिक भाग को ब्रिटिशो ने ध्वस्त कर दिया था और किले में केवल अब मनमोहक दीवारे ही बची हुई है।

    लेकिन फिर 1899-1905 तक भारत राज करने वाले लार्ड कर्ज़न ने किलो की और किले की दीवारों की मरम्मत कराने का आदेश दिया। और साथ ही उन्होंने किलो में बने गार्डन को भी पानी देने का और उनमे सुधार करने का आदेश दिया।

    1747 में नादिर शाह के हमला करने के बाद और 1857 में भारत का ब्रिटिशो के खिलाफ पराजित होने के बाद किले की ज्यादातर कीमती धातुओ को या तो लूट लिया गया था या तो वे चोरी चली गयी थी। कहा जाता है की ब्रिटिश शासको ने उन्हें प्राइवेट समूहों को बेंच दिया था और कुछ कीमती सामानों को ब्रिटिश म्यूजियम ले गये थे।

    कहा जाता है की आज भी उनके कीमती सामान ब्रिटिश लाइब्रेरी और अल्बर्ट म्यूजियम में रखा गया है। उदाहरण कोहिनूर हीरा, शाह जहाँ का हरे रंग का शराब का कप और बहादुर शाह द्वितीय का ताज लन्दन में रखा गया है। भारतीयों द्वारा की गयी बहोत सिफ़ारिशो को ब्रिटिश सरकार ने कई बार अमान्य किया है।

    1911 में ब्रिटिश किंग और क्वीन दिल्ली दरबार को देखने आये थे। उन्हें दीखने के लिये उस समय बहोत से महलो और किलो की मरम्मत भी की गयी थी। इसके बाद लाल किले के आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम को भी ड्रम हाउस से मुमताज़ महल में स्थानांतरित किया गया।

    INA की सुनवाई में, जिसे लाल किले की सुनवाई भी कहा जाता है, उसमे भारतीय राष्ट्रिय आर्मी (INA) के बहोत से ऑफिसरो को दरबार और युद्ध संबंधी प्रशिक्षण दिया गया था। पहली बार यह प्रशिक्षण 1945 में लाल किले पर नवम्बर और दिसम्बर में लिया गया था।

    15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरु ने लाहौर गेट पर भारतीय तिरंगा लहराया था तभी से हर स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराते है और भाषण भी देते है जिसे राष्ट्रिय तौर पर प्रसारित किया जाता है।

    आज़ादी के बाद लाल किले में कई बदलाव किये गये और लाल किले का लगातार सैनिक प्रशिक्षण के लिये उपयोग किया जाने लगा। 22 दिसम्बर 2003 तक लाल किला सैनिको की निगरानी में था। 2009 में CCMP (Comprehensive Conservation and Management Plan) ने लाल किले को और ज्यादा मजबूत बनाने के लिये काफी निर्णय लिये।

    लाल किला की जानकारी  – Red Fort Information In Hindi

    यहाँ हजारों की संख्या में हर साल लोग आते है. यह हफ्ते में 6 दिन आम जनता के लिए खुला रहता है सोमवार को ये बंद रहता है.

    लाल किले का समय  – Red Fort Timing

    • Red Fort Opening Time – यह सुबह 9:30 बजे खुलता है.
    • Red Fort Closing Time – शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है.

    लाल किले का प्रवेश शुल्क  – Red Fort Ticket

    लाल किले के अंदर जाने के लिए भारतियों के लिए टिकट 10 रूपए व् विदेशियों के लिए 150 रूपए की है.

    Red Fort Sound and Light Show

    यहाँ रोज शाम को साउंड व् लाइट शो होता है, जो मुगलों के इतिहास को दिखाता है. ये लाइट शो पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है. यहाँ कुछ महल को बिलकुल पहले की तरह की सजा के रखा गया है, ताकि लोग हमारी पुरानी संस्कृति को करीब से जान सके, और इतिहास को भी देख पायें.

    Red Fort Sound and Light Show Tickets

    इस लाइट शो को देखने के लिए अलग से 50 रूपए लगते है.

    Red Fort Sound and Light Show Timings

    हिंदी शो के लिए लाल किला लाइट एंड साउंड शो की टाइमिंग शाम 7.30 बजे से रात 8.30 बजे तक है। अंग्रेजी भाषा में दिखाने के लिए, समय 9 बजे से रात 10 बजे तक है। यह मई से अगस्त के महीने तक होता है। सितंबर और अक्टूबर के महीनों के दौरान, शो के लिए समय शाम 7 बजे से रात 8 बजे (हिंदी) और रात 8.30 बजे से 9.30 बजे (अंग्रेजी) है।

    लाल किला संग्रहालय – Red Fort Museum

    लाल किला पुरातत्व (Red Fort Museum) संग्रहालय 1911 के समय का है पहले यह नौबत खाना में स्थित था। बाद में इसे मुमताज़ महल में स्थानांतरित कर दिया गया। यहाँ संग्रहालय अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नेतृत्व में है। संग्रहालय (Red Fort Museum) में मुगल काल की पेंटिंग, कलाकृतियां, सुलेख, कपड़े और अन्य वस्तुएं हैं।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लाल किला परिसर में चार नए संग्रहालयों (Red Fort Museum) का उद्घाटन किया है। सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय, याद-ए-जल्लिआं, 1857 का संग्रहालय, दृश्यकला.

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