बच्चों के साथ न बरतें अधिक सख्ती, हो सकता है नुकसान ! – Parenting Tips In Hindi
Parenting Tips In Hindi – लगभग 90 प्रतिशत पेरेंट्स के लिए परवरिश का मतलब अपने बच्चों की खाने-पीने (Parenting Tips For Toddlers) पहनने-ओढ़ने और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना है (Good Parenting Tips) उन्हें लगता है की वो अपने दायित्व से मुक्त हो गए है.
लेकिन क्या वे अपने बच्चों को अच्छी आदतें और संस्कार (Parenting Tips) देते हैं. सही परवरिश (Good Parenting Tips) वो है जिनसे बच्चे आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बन सकें।
आइये जाने वो तरीके क्या है – Parenting Tips In Hindi
बचपन से ही शुरुवात
हमेशा पेरेंट्स यही सोचते है की जब बच्चा बड़ा हो जायेगा तब उसे नियम सिखायेंगे| अभी तो बच्चा छोटा है| लेकिन यह गलत है उन्हें शुरू से ही अनुशासित बनाएं। क्योंकि जब बच्चा बड़ा होने लगता है तब उसे नियम में रहने की आदत डालना मुश्किल है| इसके अतरिक्त उन्हें प्यार से हर चीज़ समझाये|
कुछ पेरेंट्स बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर निर्देश देते है उनके ना समझने पर डाँटते भी है और मारते भी हैं। यह गलत तरीका है। आपका यह तरीका उन्हें जिद्दी और विद्रोही बना सकता है। इसलिए जितना हो सके प्यार से ही समझाने की कोशिश करे|
बच्चो पर ज्यादा दबाव ना डाले
बहुत से पेरेंट्स अपने बच्चे से बहुत सारी उम्मीद बांध लेते है| और किसी बात या उम्मीद का पूरा ना होने पर गुस्सा या दुख ज़ाहिर करते है| ऐसा करने के बजाए उन्हें सांत्वना दें| क्योकि ग़लतियाँ होने पर ही तो इन्सान सीखता है| यही बात अपने बच्चे को सिखाये, और उसे खुश रखे| उसे अच्छे से समझाने पर आपका बच्चा फिर से विजय प्राप्त करने की कोशिश करेगा|
हर जिद पूरी ना करे
कुछ लोगो को लगता है की उनके बच्चे को हर खुशी मिलना चाहिए| उन्हें लगता है की बच्चों को प्यार करने का मतलब है उनकी हर मांग पूरी करना। लेकिन यदि आप उनकी मांगी हुई हर चीज उन्हें देते हैं तो बड़ी बेवकूफी करते हैं। Parenting Tips के अनुसार यदि आप वाकई अपने बच्चे से प्यार करते हैं तो उसकी हर जिद पूरी ना करे, उसे वही दें जो जरूरी है।
उनके दोस्त बने
अपने बच्चे को किसी गलती के पीछे डाटने की बजाय उसने उस गलती के पीछे का कारण जाने| हो सकता है की आपने बच्चे ना बताये| इसलिए उनका बॉस बनने की बजाय उनसे गहरी दोस्ती करें। ऐसे में वो आपसे आसानी से बात कर सकेंगे|
प्रतियोगिता न करें
कई बार माता-पिता अपने ही बच्चों के बीच कॉम्पिटिशन क्रिएट कर देते हैं। एक-दूसरे की तुलना करने लगते हैं। कभी बच्चों को जल्दी होमवर्क करने में प्रतियोगिता करवाते हैं, तो कभी जल्दी खाने-पीने की चीजों में। आपके इस व्यवहार से बच्चे में हीनभावना आ जाती है और आपको पता भी नहीं चलता। उसके आत्मविश्वास में कमी आने लगती है, जिससे बच्चा बाहर भी मिलने-जुलने और लोगों से बात करने से कतराने लगता है।
खुशनुमा माहौल बनाइए
यदि आप चिंतित रहते है तो आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि आपके बच्चे खुश हो कर जिएंगे। अपने माता पिता को चिंतित देखकर वो भी दुखी होते है| इसलिए सबसे अच्छी चीज जो आप उनके लिए कर सकते हैं वह यह कि आप एक प्यार-भरा खुशनुमा माहौल बनाएं।
क्वालिटी टाइम दें
चाहे आप नौकरीपेशा हों या व्यवसायी, बच्चों के साथ समय बिताना बहुत जरूरी होता है। बच्चे भी चाहते हैं कि उनको मां-बाप का ज्यादा-से-ज्यादा सानिध्य मिले। ऐसा नहीं होने पर भी बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं।
बच्चे के साथ देखें टीवी
बच्चे छोटे हों या बड़े, मां-बाप को चाहिए कि बच्चों के साथ बैठकर टीवी देखें। इससे आप जान सकेंगे कि बच्चा टीवी से क्या अच्छा-बुरा सीख रहा है। बच्चा किन चीजों से अपडेट हो रहा है। उनको वही प्रोग्राम देखने दें, जो ज्ञानवर्धक हों।
कम्यूनिकेशन बढ़ाएं
बच्चों को भी अपनी बातचीत में शामिल करें। उनसे स्कूल की बातें करें और वहां की गतिविधियों के बारे में पूछें। बातचीत का दायरा जितना बढ़ेगा, उतना ही बच्चे खुलकर हर मुद्दे पर आपसे बात कर सकेंगे।