पंकज त्रिपाठी की लव स्टोरी – Pankaj Tripathi Love Story
पंकज त्रिपाठी आज बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक हैं, जो अक्सर एक छोटी भूमिका के साथ भी दिल जीतने की क्षमता रखते है और जिन्हे दृश्य-चोरी करने वाला कहा जाता है। लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी का दिल कैसे जीता, इसकी कहानी बिना कोई शक के सबसे बड़ी कहानियों में से एक है।
पंकज और उनकी पत्नी मृदुला की शादी को 14 साल हो चुके हैं और इसके चलते उनकी एक प्यारी सी बेटी भी है। वही उनकी रियल लाइफ की प्रेम कहानी भी क्लासिक रोमांटिक फिल्मों से भी शक्तिशाली और हृदयस्पर्शी है। तो बात है उन दिनों की जब वो दसवीं कक्षा में थे, उसी समय पंकज ने फैसला किया था कि वह जब भी शादी करेंगे तो दहेज नहीं लेंगे और प्रेम विवाह ही करेंगे क्योंकि उसके गांव में किसी ने भी कभी प्रेम विवाह नहीं किया था |
लेकिन मृदुला के प्यार में पड़ना कुछ ऐसा था जो एक पल में हो गया। सीधे शब्दों में कहें, तो अभिनय में आने से पहले ही उन्होंने मृदुला को देखा और देखते ही पहली ही नज़र में प्यार हो गया |
पंकज अभी भी उस पल को याद करते हैं, जब 1993 में शुक्रवार की रात को, उन्होंने पहली बार उसे देखा था। पंकज ने रोमांचित हो कर याद करते हुवे कहा –
वह मेरी बहन की शादी थी और मैंने मृदुला को छत की बालकनी पर देखा और खुद से कहा की, “यही वो लड़की है जिसके साथ मैं अपना सारा जीवन बिता सकता सकता हु, पर मुझे तब यह भी नहीं पता था कि वह कौन थी, या उस समय उसका नाम क्या था।
वह कोलकाता की रहने वाली थी परन्तु दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रही थी, और एनएसडी हॉस्टल में रह रही थी। उस समय, ‘डेटिंग’ यानि की लड़को और लड़कियों का साथ घूमना, फिरना समाज में अच्छा नहीं माना जाता था |
लेकिन दोनों के पास “खत” ही एक जरिया था इत्मीनान से बात करने का और वो भी 10 दिनों में एक बार भेजा जाता था, ये तय करने की अब आगे क्या करना है और STD बूथ से रोज़ 5 मिनट की कॉल ठीक रात 8 बजे … बस |
आखिरकार उन्होंने 2004 में शादी कर ली, लेकिन 12 साल की लम्बी दुरी और पारिवारिक रोकटोक और मुश्किलो को जीतकर क्यों की मृदुला उनके बहनोई की बहन थी और ब्राह्मण होने के कारण, उनकी जाति के खिलाफ ऐसे परिवार में शादी करना था जहाँ उनकी बहन की शादी हुई थी।
फिर भी उन्हें यकीन था कि मृदुला ही उनकी राइट चॉइस है और अपने इसी फैसले के साथ वो आगे बढे । आज उनकी शादी को 26 साल हो गए है और इतने साल साथ रहने के बाद भी उनका प्यार उतना ही फ्रेश, रोमांस से भरा और ईमानदार है, जितना की पहले दिन था |
मृदुला ने पंकज को उनके संघर्ष के दौर में पूरा सपोर्ट किया, पंकज भी एक ऐसी भूमिका निभाने के लिए इंतजार कर रहे थे जिससे उन्हें बॉलीवुड में पहचान मिल जाये जिसके वह हकदार है |
पंकज 2004 से फिल्मों में छोटी भूमिकाएँ कर रहे थे, लेकिन उनके टेलेंट को पहचान केवल 2012 में आई सुपरहिट फिल्म गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से ही मिली।
मृदुला एक शिक्षक के रूप में घर की देखभाल करती थी और पंकज के सपने को पूरी ईमानदारी से निभाने देती थी। आज पंकज के अनुसार मृदुला उनके घर की मुखिया या “मैन ऑफ़ हाउस” है और जब कभी पंकज को टाइम मिलता है वह अपने हाथो से घर पर कुकिंग करते है, जो की उनका शौक भी है और समय निकल कर मृदुला और बेटी के साथ क्वालिटी टाइम भी व्यतीत करते है क्यों की उनका परिवार ही उनकी दुनिया है |