Facts About Mahatma Gandhi – महात्मा गाँधी से जुड़े रोचक तथ्य
Information About Mahatma Gandhi in Hindi – भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जो सत्य और अहिंसा के पूरक थे की, गाँधी जयंती 2 अक्टूबर को आती है (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi) महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था, वे एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्होंने कभी भी अहिंसा का मार्ग नहीं छोङा और उन्होंने अहिंसा के ही मार्ग पर चलते हुए भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गाँधी जी सादा जीवन उच्च विचार के समर्थक थे, और इसे वे पूरी तरह अपने जीवन में लागू भी करते थे।
Essay on Mahatma Gandhi in Hindi – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का संघर्ष तो वैसे 1857 से..या कह लें कि अंग्रेजों के भारत में आगमन के समय से ही चल रहा था. लेकिन महात्मा गांधी के आने से उस संघर्ष को एक नई दिशा मिली. गांधी के योगदान के महत्व का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय राजनीति में उनका प्रवेश 1915 ईस्वी में हुआ और 1947 ईस्वी में भारत आजाद हो गया.
यहाँ जब मैं गांधी का महिमामंडन कर रहा हूं तो इसका यह बिलकुल भी मतलब नहीं है कि गरम दल के नेताओं का योगदान कोई कम था. लेकिन अहिंसा को एक रणनीतिक हथियार के तौर पर गांधी जी ने सफलतापूर्वक उपयोग किया इसमें मुझे कोई दुविधा कम से कम आज तो नहीं है.
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Facts About Mahatma Gandhi – महात्मा गाँधी से जुड़े रोचक तथ्य
- महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था, दिन शुक्रवार था.भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली थी, दिन शुक्रवार था और गांधी की हत्या का दिन भी शुक्रवार ही था.
- महात्मा गांधी ने अलफ्रेड हाई स्कूल राजकोट से पढ़ाई की थी तथा वकालत की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह इंग्लैंड गए थे.
- गांधी जी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है.
- गांधी अपने माता पिता की सबसे छोटी संतान थे. उनसे बड़े दो भाई और एक बहन थी.
गांधी एक आस्तिक हिंदू थे लेकिन धार्मिक कुरीतियों के खिलाफ मुखर थे. - महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अपने सत्याग्रह के प्रयोग के दौरान लगभग 1100 एकड़ में एक कॉलोनी टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना की थी.
- महात्मा गांधी खादी के बिना सिले हुए कपड़े पहनते थे. ऐसा वह समानता दर्शाने के लिए करते थे. उनका स्पष्ट मत था कि वह अपने शरीर को पूरी तरह तभी ढकेंगे,जब इस देश के 40 करोड़ उनके भाइयों और बहनों के तन पर पूरा पूरा कपड़ा होगा. महात्मा गांधी ने स्वदेशी पर बहुत जोर दिया था. इसलिए उन्होंने खादी को एक सामुदायिक विकास कार्यक्रम के जैसे विकसित किया. उनका स्पष्ट मत था कि जब हम अपने देश में बने कपड़े पहनेंगे तो इससे जहां एक ओर हमारे देश के लोग स्वाबलंबी बनेंगे, वहीं दूसरी ओर इंग्लैंड के मैनचेस्टर और लंकाशायर से बन कर भारत आने वाली कपड़ों की बिक्री घट जाएगी. इससे इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक असर पड़ेगा और भारतवर्ष के स्वतंत्र होने की संभावना भी बढ़ेगी.
- महात्मा गांधी के बारे में एक तथ्य यह भी है कि वह जब भी कोई आंदोलन करते थे. अंग्रेजी हुकूमत किसी को भी गांधी जी के आंदोलन में शामिल तस्वीर खींचने की इजाजत नहीं देते थे. वह ऐसा इस भय से करते थे कि कहीं गांधी की तस्वीर अगर लोगों तक पहुंची तो आंदोलन का स्वरुप बहुत बड़ा हो जायेगा.
- Mahatma Gandhi को नोबेल पुरस्कार नहीं मिल सका लेकिन दुनिया के ऐसे कई नेताओं को नोबेल पुरस्कार मिला है जिनकी विचारधारा अंशतः या पूर्णतः गांधी के सिद्धांतों तथा गांधी की शिक्षाओं पर आधारित थी.
- महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कार के लिए पांच बार नामित किया गया था.1937,1938, 1940, 1947 तथा 1948 में… जबकि उन्हें कोई भी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला. बाद में नोबेल कमेटी ने इस बात पर काफी अफसोस जाहिर किया.
- उन्हीं के सिद्धांतों पर चलने वाले कई नेता जैसे नेलसन मंडेला दक्षिण अफ्रीका से, आंग संग सु की म्यांमार से और मार्टिन लूथर किंग जूनियर अमेरिका से को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- महात्मा गांधी ने प्रथम विश्व युद्ध में इंग्लैंड का समर्थन किया था क्योंकि उन्हें इंग्लैंड से इस प्रकार का वायदा मिला था कि प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद इंग्लैंड भारत को स्वतंत्र कर देगा.ऐसा नहीं होने पर उन्होंने 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की.प्रथम असहयोग आंदोलन को उन्होंने चौरी-चौड़ा में हुए हिंसक कृत्य के बाद 1921 में स्थगित कर दिया.
- महात्मा गांधी ने 1913 से लेकर 1938 के बीच 18 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से लगभग 79000 किलोमीटर की पदयात्रा की. 79000 किलोमीटर की पदयात्रा पृथ्वी के दो बार परिक्रमा करने के समान ही है.
- पहले जब गांधीजी स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने आए तो वह बहुत प्रसिद्ध नहीं थे. चंपारण यात्रा के दौरान कुछ गांव वालों ने उन्हें चमत्कारी बाबा कह कर उनका भजन पूजन करने लगे. गांधी ने इसका घोर विरोध किया और उन्हें फिर अपने बारे में सही-सही बताया कि वह कोई बाबा नहीं है .देश को आजाद कराने के लिए घर से बाहर आए हैं.
- वैसे तो गांधीजी की कद काठी बहुत ही साधारण थी लेकिन उन्हें फुटबॉल खेल से बहुत लगाव था.
- महात्मा गांधी ने 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो (Quit India Movement) का नारा दिया था,और इसमें अगर देखा जाए तो उन्होंने थोड़ी हिंसा की बात की थी.
- अल्बर्ट आइंस्टीन ने गांधी(Mahatma Gandhi) को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बताया था.
- Dr. B R अंबेडकर महात्मा गांधी के धुर विरोधियों में से एक थे. लेकिन यह भी एक तथ्य है की संविधान सभा में Dr. B R अंबेडकर को महात्मा गांधी की सिफारिश पर ही शामिल किया गया था.
- महात्मा गांधी बहुत लिखते थे और उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया तथा हिंद स्वराज और सत्य के मेरे प्रयोग जैसे अन्य कई पुस्तकें भी लिखी.
- दुनिया की सुप्रसिद्ध पत्रिका टाइम(Time Magazine) ने Mahatma Gandhi को 1930 ईस्वी में पर्सन ऑफ द ईयर के सम्मान से नवाजा था
- अपने संपूर्ण स्वातंत्र्य संघर्ष के जीवन में महात्मा गांधी कुल 14 बार जेल गए तथा लगभग 6 साल की समय अवधि उन्होंने जेल में बितायी.
- भारत सहित दुनिया के कई देशों में सड़कों के नाम महात्मा गांधी के नाम पर है. भारत में महात्मा गाँधी के नाम पर सड़कों की संख्या लगभग 53 है तथा दुनिया के दूसरे देशों में 48 सड़क का नामकरण गांधी के नाम पर है.
- कांग्रेस के त्रिपुरी सम्मेलन से पहले महात्मा गांधी का सुभाष चंद्र बोस के साथ संबंध अच्छा था. 1936 में तो एक बार सुभाष चंद्र बोस के लिए उन्होंने डाइट चार्ट भी बना दिया था. क्योंकि गांधी सुभाष चंद्र बोस को देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानते थे.
- सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजो की कैद से बच निकलने की बाद देश को पहली बार बर्लिन से रेडियो पर संबोधित किया.1944 की उसी सम्बोधन में उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की पदवी से संबोधित किया.
- महात्मा गांधी जीवन पर्यंत तृतीय श्रेणी में रेलवे की यात्राएं करते रहे ताकि उनको अपने देशवासियों की जीवन दशा की सही स्थिति का ज्ञान हो सके. जिससे वह उनके जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव कर पाने का प्रयास कर सकें.
- Mahatma Gandhi दूध से बनी अथवा एनिमल फैट से बनी चीजें नहीं खाते थे वह शुद्ध रूप से शाकाहारी थे.लेकिन बकरी का दूध अवश्य पीते थे…