स्वस्थ जीवन के लिए अच्छी नींद – Healthy Sleeping Hours
आपने अक्सर पढ़ा या सुना होगा, कि कम से कम 8 घंटे की नींद लेना हर किसी के लिए बेहद जरूरी होता है। लेकिन सच्चाई यह है कि उम्र के हिसाब से सभी के लिए नींद की आवश्यक मात्रा अलग-अलग होती है। जानिए कितनी नींद आवश्यक है आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए…
सामान्य तौर पर अगर आप 5 घंटे से भी कम सो पाते हैं, तो आपके मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसा ही कुछ जरूररत से ज्यादा नींद लेने पर भी होता है। लेकिन रिसर्च के अनुसार नींद लेने के पैमाना हर उम्र के व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है।
अधूरी नींद कर सकती है आपके सेहत के साथ खिलवाड़, जाने कितनी नींद है जरुरी – Normal Sleeping Hours
1.नवजात के लिए – Sleeping Hours For New Born
नवजात शिशु से तीन माह तक के बच्चे को नींद की आवश्यकता एक सामान्य से लगभग दोगुनी होती है। इन बच्चों को हर दिन 14 से 17 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है जिसमें, कम से कम 11 से 13 घंटे की नींद तो बेहद आवश्यक है। लेकिन 19 घंटे से अधिक नींद, बच्चों के दिमाग के विकास को बाधित कर सकता है।
2.शिशु के लिए – Sleeping Hours For Baby
4माह से 1 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए 12 से 15 घंटे की नींद जरूरी होती है, या फिर कम से कम 10 घंटे की नींद होनी चाहिए। वहीं 18 घंटे से ज्यादा नींद इनके लिए खतरनाक हो सकती है। वहीं 1 से 2 साल तक के बच्चे के लिए 11 से 14 घंटे आदर्श नींद और तीन से पांच साल तक के बच्चों के लिए 10 से 13 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है। वहीं आठ घंटे से कम या फिर 14 घंटे से ज्यादा देर नींद इनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
इसी प्रकार 6 से 13 तक के बच्चों के लिए 9 से 11 घंटे नींद लेने की सलाह दी जाती है, वहीं 7 घंटे से कम नींद या फिर 11 घंटे से ज्यादा देर नींद लेना नुकसानदायक हो सकता है।14 से 17 साल तक, किशोरावस्था में 8 से 10 घंटे की नींद लेना मानसिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
3.वयस्क उम्र के लिए – Healthy Sleeping Hours For Adults
अठारह से पच्चीस साल की उम्र तक नींद का यह आंकड़ा घटकर 7 से 9 घंटे का होना चाहिए। लेकिन इससे कम या अधिक नींद हानिकारक साबित हो सकती है।
4.अधेड़ अवस्था के लिए – Sleeping Hours For Adults And Senior Citizens
26 साल की उम्र से 64 साल की उम्र तक के लोगों को भी 7 से 9 घंटे की नींद लेना आवश्यक है, ताकि मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहे और कार्यक्षमता भी प्रभावित न हो।