Biography of Smriti Irani – स्मृति ईरानी का जीवन परिचय
Smriti Irani Wiki – स्मृति ईरानी का जीवन परिचय (Biography of Smriti Irani) में हम बताएँगे उनके पति (Smriti Irani Husband) उनकी उम्र (Smriti Irani Age) परिवार (Smriti Irani Family) लोकसभा चुनाव में (Smriti Irani Election 2019) अमेठी की जीत (Smriti Irani Amethi) के बारे में.
Smriti Irani Wiki – स्मृति ईरानी का नाम भारतीय राजनीति में जाना माना नाम है और इस समय उन्हें भारतीय जनता पार्टी की ओर से सूचना और प्रसारण मंत्री (Smriti Irani Minister) बनाया गया है. स्मृति ईरानी का नाम उन राजनेताओं में शामिल है, जो कि बिना किसी के डर से अपनी बात मीडिया के सामने रखते हैं. वहीं ज्यादातर लोगों को ये भी पता है कि स्मृति ईरानी राजनीति में आने से पहले टीवी जगत में बतौर अभिनेत्री भी कार्य कर चुकी हैं.
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Smriti Irani Wiki
- शादी से पहले का नाम – स्मृति मल्होत्रा
- Smriti Irani Date of Birth – 23 मार्च, 1977
- Smriti Irani Age – 42 वर्ष
- Smriti Irani Birthplace – दिल्ली
- Smriti Irani Minister – भारत सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री
- Smriti Irani Net Worth – (लगभग) 4 करोड़
Smriti Irani Family – स्मृति ईरानी का परिवार
23 मार्च 1977 को जन्मी स्मृति ईरानी का ताल्लुक एक पंजाबी परिवार (Smriti Irani Family) से है. इनके पिता अजय कुमार मल्होत्रा का जहां एक पंजाबी परिवार से ताल्लुक था. वहीं इनकी मां शिबानी एक बंगाली परिवार से आती थी. स्मृति ईरानी तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं.
- Smriti Irani Husband – जुबिन ईरानी (व्यवसायी, विवाह 2001)
- Smriti Irani Children – बेटा – जौहर ईरानी (वर्ष 2001 में जन्म) , बेटी – ज़ोइश ईरानी (वर्ष 2003 में जन्म), शनेले ईरानी (सौतेली बेटी)
- Smriti Irani Father – अजय कुमार मल्होत्रा (पंजाबी खत्री)
- Smriti Irani Mother – शिबानी बगची (बंगाली)
Smriti Irani Marriage – स्मृति ईरानी की शादी
स्मृति ने 2001 में अपने बचपन के दोस्त जुबिन ईरानी (Smriti Irani Husband) से विवाह किया था. जुबिन ईरानी एक व्यापारी हैं और स्मृति के साथ उनकी ये दूसरी शादी है. वहीं इस शादी से इन दोनों के (Smriti Irani Children) दो बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की. लड़के का नाम जोहर है जबकि लड़की का नाम ज़ोईश है.
Smriti Irani Education – स्मृति ईरानी शैक्षणिक योग्यता
- स्कूल/विद्यालय होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल, नई दिल्ली
- कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
- शैक्षणिक योग्यता कला में स्नातक
Smriti Irani TV Show – स्मृति ईरानी का TV करियर
इन्होने ने वर्ष 1998 में फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची, किन्तु विजेता नही बन पायी। उन्होंने वर्ष 2000 में टेलीवीजन सीरियल ‘हम है कल आज कल और कल’ के साथ अपने करियर की शुरुआत की, किन्तु उन्होंने एकता कपूर के (Smriti Irani TV Show) सास बहू सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में लीड रोल निभाया।
इसके साथ ही इनकी पहचान तुलसी के रुप में बन गई। उन्हने (Smriti Irani TV Show) मणिबेन. कॉम, विरुद्ध, तीन बहुरानियां, वारिस, कुछ दिल से, एक थी नयका , क्या हादसा क्या हकीकत, कविता जैसे कई सीरियल किये।
Smriti Irani Political Career – स्मृति ईरानी का राजनीति करियर
स्मृति ईरानी ने साल 2003 में अपने राजनीति में कदम रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी को चुनना उचित समझा. कहा जाता है कि स्मृति के दादा आरएसएस (RSS) के सदस्य थे. वहीं 2004 में स्मृति ईरानी को पार्टी द्वारा महाराष्ट्र युवा विंग के उपाध्यक्ष का पद सौंपा गया और यहां से शुरू हुआ स्मृति ईरानी का राजनीति करियर आज एक नए मुकाम पर पहुंच चुका है.
Smriti Irani Amethi – अमेठी लोकसभा क्षेत्र में BJP की प्रतिनिधि
Smriti Irani Amethi – अपने इस 19 साल के सफर में स्मृति ईरानी ने पार्टी की तरफ से दी गई कई सारी अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं. इतना ही नहीं साल 2014 में देश में हुए लोकसभा के चुनाव के लिए बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी के उस समय के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विरुद्ध (Smriti Irani vs Rahul) स्मृति ईरानी को खड़ा किया था. हालांकि इस चुनाव में स्मृति को राहुल गांधी से हार मिली थी. लेकिन बीजेपी को इन चुनाव में मिली जीत के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री (Smriti Irani Minister) बना दिया गया.
Smriti Irani Election 2019 – लोकसभा चुनाव 2019
(Smriti Irani Election 2019 – स्मृति ईरानी 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी (Smriti Irani Amethi) लोकसभा क्षेत्र से राहुल गाँधी के विरुद्ध (Smriti Irani vs Rahul) खड़ी हुई थी. अमेठी कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, मुख्यरूप से गाँधी परिवार का.
स्वतंत्रता के बाद से संजय गाँधी, राजीव गाँधी, सोनिया गाँधी यहाँ से खड़े हुए थे, जिन्होंने हमेशा जीत हासिल की है. इस कांग्रेस के गढ़ में स्मृति ईरानी ने घुस कर राहुल गाँधी को प्रचंड वोट से हराया है. स्मृति ईरानी की (Smriti Irani Amethi) ये अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है.
Smriti Irani Election 2019 – स्मृति ईरानी 55 हजार से अधिक वोट से जीती है. राहुल लगातार तीन बार से अमेठी से सांसद रहे है, इस तरह से हारना उनकी बड़ी हार (Smriti Irani vs Rahul) माना जा रहा है. स्मृति ईरानी ने अपनी जीत पर ट्वीट करते हुए कहा कि किसने कहा आसमा में सुराख़ नहीं होता…” सभों को लगता था कि अमेठी तो कांग्रेस का गढ़ है, यहाँ किसी और पार्टी की जीत असंभव है. लेकिन भाजपा सदस्य स्मृति ने इस असंभव को संभव कर दिखाया. उन्होंने राहुल गाँधी को हराकर जीत अपने नाम की.
स्मृति ईरानी मंत्री – Smriti Irani Minister
Minister of Human Resource Development – उंहोने राहुल गाँधी को अपने ही गड अमेठी में (Smriti Irani Amethi) हरा कर ये साबित कर दिया की अच्छे काम करने वालो को जनता जरूर समझती है. स्मृति ईरानी भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री हैं. B.J.P की अच्छी कार्य करता और मिनिस्टर पद पर होने पर भी स्मृति ईरानी मानवता को सबसे ऊपर मानने वालो में से है. इसके दो एक्साम्प्ल हम आपको बताना चाहते है –
Smriti Irani Election 2019 – अमेठी में पार्टी की जीत का जश्न मनाने के बादसुरेंद्र सिंह की हत्या बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. स्मृति ईरानी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पूरी भाजपा और पार्टी के सभी कार्यकर्ता सुरेंद्र के परिवार के साथ हैं. आवश्यकता पड़ी तो न्याय के लिए उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएंगे. यह वारदात अमेठी को आतंकित करने के लिए अंजाम दी गई है.
Smriti Irani Controversy – स्मृति ईरानी से जुड़े विवाद
- वर्ष 2014 में, वह अपनी शैक्षणिक योग्यता के कारण विवादों में रही, जब उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता (Smriti Irani Education) के बारे में गलत बताते हुए कहा कि वह कॉमर्स से संकाय से शिक्षारत है। परन्तु, वर्ष 2014 में जाँच के दौरान पाया गया कि वह कला संकाय से शिक्षारत हैं।
- हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले को संज्ञान में लेते हुए भी उचित कार्रवाई न करने के लिए उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
- केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने ईरानी की कड़ी आलोचना की, जब उन्होंने मानव संसाधन मंत्री के कार्यकाल के दौरान दो उपाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया था।
- अक्टूबर 2014 में, उन्हें केन्द्रीय विद्यालयों में संस्कृत भाषा की जगह जर्मन भाषा को बदलने के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।