Facebook Twitter Instagram
    jiohind.com jiohind.com
    • Biography
    • Fitness Sutra
    • Interesting Facts
    • LifeStyle
    • Motivational
    • Travel
    jiohind.com jiohind.com
    Home»Travel»Panhala Fort History – पन्हाला किले का इतिहास
    Travel

    Panhala Fort History – पन्हाला किले का इतिहास

    June 29, 2020Updated:July 29, 2021
    Facebook WhatsApp
    Panhala-Fort
    Fort of Panhala
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp

    Fort of Panhala – महाराष्ट्र सुप्रसिद्ध पन्हाला किला  

    पन्हाला किला – Fort of Panhala जिसे पन्हालगढ़, पहाला और पनाला के रूप में भी जाना जाता है (शाब्दिक रूप से “नागों का घर”), भारत के महाराष्ट्र में कोल्हापुर (Panhala Fort Kolhapur) से 20 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में पन्हाला में स्थित है (History of Panhala Fort ) यह रणनीतिक रूप से सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में एक मार्ग को देख रहा है, जो कि महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाकों में बीजापुर से तटीय क्षेत्रों के लिए एक प्रमुख व्यापार मार्ग था।

    Panhala Fort Kolhapur – अपने रणनीतिक स्थान के कारण, यह दक्कन में कई मराठाओं, मुगलों और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को शामिल करने का केंद्र था, जो कि पावन खिंड की लड़ाई थी। इधर, कोल्हापुर सिटी, ताराबाई की रानी रीजेंट ने अपने प्रारंभिक वर्ष बिताए। किले के कई हिस्से और संरचनाएं अभी भी बरकरार हैं।

    Panhala Fort Timings – पन्हाला किला घूमने का समय – Time. 6.30AM-5.30PM.

    यह भी पढ़े –

    1. कुम्भलगढ़ के किले का इतिहास – History of Kumbhalgarh Fort
    2. लाल किले का इतिहास – History of Red Fort
    3. ग्वालियर किल्ले का इतिहास – Gwalior Fort History
    4. भारत के ऐतिहासिक किले – Famous Forts in India

    पन्हाला किले का इतिहास – History of Panhala Fort 

    • Fort of Panhala – पन्हाला किले का निर्माण 12 वी शताब्दी में शिलाहरा के शासक भोज 2 ने किया था। उन्होनें जो 15 किले (बावदा, भुदरगड, सातारा और विशालागड़ किला) बनवाये थे उनमे से पन्हाला का किला भी था।
    • सन 1209-10 के दौरान भोज राजा को एक लड़ाई में देवगिरी के यादव राजा सिंघाना (1209-1247) ने हराया और तब से इस किले पर यादवो ने कब्ज़ा कर लिया। लेकिन यादवो ने इस किले की देखभाल पर अधिक ध्यान नहीं दिया और धीरे धीरे यह किला अलग अलग स्थानिक शासको के नियंत्रण में चला गया।
    • बीदर के बहमनी शासन के दौरान इस किले (Panhala Fort) को सीमाचौकी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। सन 1489 में बीजापुर आदिल शाही वंश के कब्जे में चला गया था और उन्होंने इस किलो को चारो तरफ़ से सुरक्षित करने का काम बड़े पैमाने पर किया था।
    • उन्होंने इस किले की दीवारे और दरवाजो को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया था और इस काम को पूरा करने के लिए कई साल लगे।
    • सन 1659 में बीजापुर के अफजल खान की मौत हो गयी और इसका फायदा उठाकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने पन्हाला किले को बीजापुर से छीन लिया था। लेकिन शिवाजी महाराज से फिर से इस किले को पाने के लिए आदिल शाह 2 (1656-1672) ने सिद्धि जौहर को लड़ाई करने के लिए भेजा था।
    • लेकिन इस किले को फिर से पाने में वो नाकामयाब रहा और खाली हाथ लौट गया। लेकिन यह लड़ाई करीब 5 महीने तक चली, जिसके कारण किले के अन्दर का सारा जरुरी सामान ख़तम होनेवाला था और शिवाजी महाराज पकडे जाने की भी संभावना थी।

    Fort of Panhala

    Fort of Panhala – महाराष्ट्र सुप्रसिद्ध पन्हाला किला

    • ऐसी परिस्थिति में शिवाजी महाराज के पास वहा से भाग जाने के अलावा कोई चारा नहीं था। इसीलिए वो 13 जुलाई 1660 को रात के समय में विशालगड़ की तरफ़ निकल पड़े। लेकिन बिच रास्ते में ही जौहर की सेना को रोकने का सारा काम बाजी प्रभु देशपांडे पर आ पड़ा था।
    • बाजी प्रभु देशपांडे और शिवा काशिद दोनों ने साथ में मिलकर शत्रु की सेना के साथ कड़ी लड़ाई लड़ी।
    • शिवा काशिद एक नाई था और वो बिलकुल शिवाजी महाराज की तरह ही दिखता था। शत्रु की सेना के साथ उनकी लड़ाई लम्बे समय तक चली और शत्रु की सेना को लग रहा था खुद शिवाजी ही उनके सामने लड़ रहा है।
    • इस भीषण लड़ाई में शिवाजी महाराज की सेना का बड़ा नुकसान हुआ था और उनकी तीन चौथाई से अधिक सेना मारी गयी थी। इसमें खुद बाजी प्रभु देशपांडे भी शहीद हुए थे और बाद मे फिर यह किला आदिल शाह के कब्जे में चला गया। लेकिन आखरी में सन 1673 में शिवाजी महाराज ने इस किले को फिर से हासिल कर लिया।
    • लेकिन उसके कुछ समय बाद ही 4 अप्रैल 1680 को शिवाजी महाराज का निधन हो गया। सन 1678 में जब शिवाजी महाराज का पन्हाला किले पर शासन था तो उस वक्त किले में 15,000 घोड़े और 20,000 सेना थी।
    • शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद में संभाजी मराठा साम्राज्य के छत्रपति बन गए। जब सन 1689 में औरंगजेब के जनरल तकरीब खान ने उन्हें संगमेश्वर में बंदी बना लिया तो उसके बाद यह पन्हाला किला मुग़ल के कब्जे में चला गया।
    Fort of Panhala
    Fort of Panhala – महाराष्ट्र सुप्रसिद्ध पन्हाला किला 

    पन्हाला किले का इतिहास – History of Panhala Fort

    • लेकिन सन 1692 में विशालागड़ किले के मराठा कमांडर परशुराम पन्त प्रतिनिधि के मार्गदर्शन में काशी रंगनाथ सरपोतदार ने इस किले को फिर से हासिल कर लिया था।
    • लेकिन आखिरी में 1701 में यह किला फिर से औरंगजेब के कब्जे में चला गया। मगर इस घटना के कुछ महीने बाद ही रामचंद्र पन्त अमात्य के नेतृत्व में मराठा सेना ने फिर से इस किले पर कब्ज़ा कर लिया।
    • सन 1693 में औरंगजेब ने एक बार फिर से इस किले पर हमला कर दिया था। इसका परिणाम यह हुआ की राजाराम को पन्हाला छोड़कर जिन्जी किले पर जाना पड़ा था। राजाराम को इतनी जल्दी में पन्हाला छोड़ना पड़ा की उनकी 14 साल की पत्नी ताराबाई पन्हाला किले पर ही पीछे छुट गयी।
    • औरंगजेब राजाराम को किसी भी हालत में पकड़ना चाहता था इसीलिए वो राजाराम के पीछे ही पड़ा था। इस दौरान ताराबाई को अकेले ही पन्हाला किले पर पुरे पाच साल तक रहना पड़ा और उसके बाद ही उनकी मुलाकात राजाराम से हो सकी।
    • इस महत्वपूर्ण समय के दौरान ताराबाई ने किले का सारा कारोबार अकेले संभाला और लोगो की तकलीफों को दूर किया जिसके कारण लोग उनका सम्मान करने लगे। जो समय उन्होंने पन्हाला किले में बिताया उसमे दरबार के सभी काम सिख लिए और उन्हें उनके दरबार के अधिकारियो का समर्थन भी मिला।
    • राजाराम ने जिन्जी किले से पन्हाला किले पर अपनी सेना भेजी और अक्तूबर 1693 में फिर से पन्हाला किला मराठा सेना के कब्जे में आ गया।

    Fort of Panhala

    Panhala Fort Kolhapur – पन्हाला किले का इतिहास

    • सन 1700 में राजाराम की मृत्यु हो गयी और उनके पीछे उनके 12 साल के बेटे शिवाजी 2 और पत्नी ताराबाई थी। सन 1705 में राणी ताराबाई ने अपनी सत्ता स्थापित करते हुए अपने बेटे शिवाजी 2 का राज प्रतिनिधि बनकर पन्हाला किले से शासन किया।
    • सन 1708 में ताराबाई को सातारा के शाहूजी से युद्ध करना पड़ा लेकिन उस लड़ाई में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रत्नागिरी के मालवण में मजबूर होकर जाना पड़ा। लेकिन बाद में सन 1709 में ताराबाई ने पन्हाला को फिर से जीत लिया और और अपने नए राज्य कोल्हापुर की स्थापना की और पन्हाला को राजधानी बना दिया। सन 1782 तक पन्हाला पर इनका ही शासन था।
    • सन 1782 में राजधानी को पन्हाला से बदलकर कोल्हापुर बना दिया गया। लेकिन सन 1827 में शहाजी 1 के शासन के दौरान पन्हाला और पावनगड अंग्रेजो को सौप दिया गया था।
    • लेकिन सन 1844 में जब शिवाजी 4 छोटे थे तो उस वक्त कुछ क्रांतिकारी लोगो ने कर्नल ओवन्स को बंदी बने लिया था जब वो किसी दौरे पर जा रहा था और उन क्रांतिकारियों ने पन्हाला पर फिर से कब्ज़ा कर लिया था।
    • लेकिन 1 दिसंबर 1844 को अंग्रजो ने डेलामोट के नेतृत्व में फ़ौज भेज दी और पन्हाला पर हमला कर दिया और किले को कब्जे में ले लिया और तब से अंग्रेजो ने पन्हाला पर हमेशा के लिए अपनी फ़ौज तैनात कर दी। सन 1947 का इस किले पर कोल्हापुर का ही नियंत्रण था।
    Historical Places
    Share. Facebook Twitter WhatsApp
    Jiohind Editorial Team

      Jiohind.com एक ऐसी हिंदी वेबसाइट है जहा आप मोटिवेशनल एंड एजुकेशनल आर्टिकल प्राप्त कर सकते है, साथ ही आप हिंदी लेख, सुविचार, जीवनी, बॉलीवुड न्यूज़, प्रेरक उद्यमी कहानियां, अद्भुत रहस्य, व्यक्तित्व विकास लेख और हिंदी में अधिक उपयोगी सामग्री पा सकते हैं।

      Related Posts

      हिमाचल के पर्यटन स्थल – Himachal Pradesh Tourist

      June 27, 2021

      History of Jama Masjid – दिल्ली जामा मस्जिद का इतिहास

      July 29, 2020

      Places to Visit in Delhi – दिल्ली के पर्यटक स्थल

      July 14, 2020

      Leave A Reply Cancel Reply

      Interesting Facts
      • हर लड़का चाहता है कि उसकी प्रेमिका को पता हो ये बातें – Things Girls Should Know About Guys

      • पक्षियों की रोचक जानकारी – Information & Facts About The Birds

      • ऐसी जगह जहाँ सूरज कभी अस्त नहीं होता है

      • स्विटजरलैंड के रोचक तथ्य- Interesting Facts About Switzerland

      • जीव जंतुओं के बारे में रोचक तथ्य – Amazing Facts About Animals

      Biography
      • Biography of Milkha Singh – मिल्खा सिंह की जीवनी

        Biography of Milkha Singh – मिल्खा सिंह की जीवनी

      • Atal Bihari Vajpayee Biography – अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी

        Atal Bihari Vajpayee Biography – अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी

      • शाहरुख़ खान की जीवनी – Shahrukh Khan biography

        शाहरुख़ खान की जीवनी – Shahrukh Khan biography

      • मार्क ज़ुकरबर्ग की जीवनी – Mark Zuckerberg Biography

        मार्क ज़ुकरबर्ग की जीवनी – Mark Zuckerberg Biography

      • Narendra Modi Biography – नरेन्द्र मोदी की जीवनी

        Narendra Modi Biography – नरेन्द्र मोदी की जीवनी

      Motivational
      • A.P.J Abdul Kalam Thoughts – ऐ पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल वचन

      • Anniversary Wishes For Parents – शादी की सालगिरह की शुभकामनाएं

      • Teachers Day Shayari & Wishes – शिक्षक दिवस पर शायरी

      • Happy Anniversary Wishes – शादी की सालगिरह की शुभकामनाएं

      • Quotes For Birthday – जन्मदिन की बधाई सन्देश

      Education
      • चंद्रग्रहण कि पूरी जानकारी – Chandra Grahan/Lunar Eclipse Details In Hindi

        चंद्रग्रहण कि पूरी जानकारी – Chandra Grahan/Lunar Eclipse Details In Hindi

      • Military Code Names – Alpha, Bravo, Charlie

        Military Code Names – Alpha, Bravo, Charlie

      • Study Concentration Tips – पढाई करने का तरीका

        Study Concentration Tips – पढाई करने का तरीका

      • About Study Tips – परीक्षा की तैयारी टिप्स

        About Study Tips – परीक्षा की तैयारी टिप्स

      • Resume kaise Banaye – रिज्यूम बनाने का सरल तरीका

        Resume kaise Banaye – रिज्यूम बनाने का सरल तरीका

      • About Us
      • Privacy Policy
      • Disclaimer
      • Terms and Conditions
      • contact us
      © 2022 Jiohind. Designed by Shikshawse.com.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.